है सिर्फ छाया यहां, तू कोई अंधकार नही फिर हारने में हर्ज कैसा है सिर्फ धूमिल नजारा यहां, तू कोई राहगीर नहीं फिर हारने में हर्ज कैसा है सिर्फ रुकावटों का मंजर यहां, तू कोई बेड़ी नही फिर हारने में हर्ज कैसा है सिर्फ एक इंसान, तू कोई अवतार नही फिर हारने में हर्ज कैसा अडिग अपने लक्ष्य पर चीटियों सा प्रयास होगा गहराई से सागर पर किस्ती पार करने का हौसला होगा नही कोई अंतिम फैसला यह रब का कल नया सवेरा होगा जिंदगी के दोनो चेहरों पर कल जीत पहरा होगा। ©Gulshan_Dwivedi #writer #motivation #positivequotes #Quote #Poetry #gazal #Shayari #Nojoto #nojotohindi #SAD Beena Diwan G