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आज मैं लिखने बैठी हूँ तो बहुत लोग घबराएं हैं, मेरे

आज मैं लिखने बैठी हूँ तो बहुत लोग घबराएं हैं,
मेरे शब्दों के तीखेपन से जाने क्यों थार्राएँ,,
किसी की समझ से ऊपर किसी का संसार हूँ मैं....
अरे घबराओं मत शब्दों का व्यापार हूँ मैं। डॉ अरुणा
मेरी माँ को समर्पित है 
वैसे तो मेरा हर शब्द उनका ही दिया है फिर भी हर शतक के बाद अपनी डायरी में मैंने नाम उनका लिया है

©Dr Aruna KP Tondak
  #Aruna #अरुणा