किसी शाम मिलना तुम चाय पर, करनी है कुछ गुफ्तगू कैसा मंजर है दिल की ज़मीन पर कहनी है सारी जूस्तजू - Swechha यार सुनो, तुम्हारे बिना चाय भी अच्छी नहीं लगती अब💌 #2May #chai