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जब-तक प्रज्ज्वलित नही हो मनमंदिर दीप न ही दीपावली

जब-तक प्रज्ज्वलित नही हो मनमंदिर दीप
न ही दीपावली होगी न ही दीपोत्सव होगा।
बाहर की रोशनी से भ्रमित मत होना रे मन!
ज्ञानचक्षु खोल के देख सिर्फ दिवाला होगा।

घर-आंगन की प्रत्येक लक्ष्मी का सम्मान रहे
हरबाला की मान-मर्यादा पंखों का मान रहे।
मानवता सर्वोपरी रहे, नारी सृष्टि में है महान
पूजनीय देवी ध्यान देवों का आगमन होगा।

समयाभाव ने घेरा इस पावन पर्व पर दोस्तों
इस रचना का फिर फुर्सत में समापन होगा।
अभी दिल में धड़कती हर धड़कन कह रही
दीपावली मुबारक हो! न कोई बहाना होगा।

©Anil Ray
  💞💞✨Happy Deepawali✨💞💞

जब-तक प्रज्ज्वलित नही हो मनमंदिर दीप
न ही दीपावली होगी न ही दीपोत्सव होगा।
बाहर की रोशनी से भ्रमित मत होना रे मन!
ज्ञानचक्षु खोल के देख सिर्फ दिवाला होगा।

घर-आंगन की प्रत्येक लक्ष्मी का सम्मान रहे
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator

💞💞✨Happy Deepawali✨💞💞 जब-तक प्रज्ज्वलित नही हो मनमंदिर दीप न ही दीपावली होगी न ही दीपोत्सव होगा। बाहर की रोशनी से भ्रमित मत होना रे मन! ज्ञानचक्षु खोल के देख सिर्फ दिवाला होगा। घर-आंगन की प्रत्येक लक्ष्मी का सम्मान रहे #कविता #diwalifestival

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