साथ होना और साथ देना क्या होता,तेरे आने से जाना मैंने रहती थी भीड़ में भी तन्हा,ख्यालों में भी तुझे पास पाया मैंने भूल चुकी थी हंसना,हँसी क्या होती,तेरे संग हंसकर जाना मैंने 'साथिया' तेरे संग ही ज़िंदगी को सचमुच जीना जाना अब मैंने!! Challenge-131 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) आज के विजेता को एक साल का प्रीमियम सबस्क्रिप्शन उपहार स्वरूप दिया जाएगा :) #साथिया #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️