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विशेष नहीं आम थे , तुम्हारी तरह रोते रोते स्कूल ज

विशेष नहीं आम थे ,

तुम्हारी तरह रोते रोते स्कूल जाऊं,
खिलौने होते हुए भी, नए के लिए चिल्लाऊं ।

दूध देख कर, मुंह बनाऊं,
पढ़ने से भी जी चुराऊं ।

कभी फोन तो, कभी टीवी देखूं,
छोटी छोटी बात पे, मां-बाप को कोसुं ।

लेकिन मेरा ऐसा नसीब कहां,
आसानी से मिल जाए वो चीज कहां ,
पेट के लिए खुद को भुला दिया,
जिम्मेदारी में, बचपन को गवां दिया ।





 आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर एक #collab Aesthetic Thoughts द्वारा दिया हुआ। #atमेरेख़्वाब

Transliteration: 
Mere bhi kai khwaab the 
(I too had several dreams) 

• Please maintain the aesthetics. 
#yqbaba  #yqaestheticthoughts #yqdidi #worlddayagainstchildlabour
विशेष नहीं आम थे ,

तुम्हारी तरह रोते रोते स्कूल जाऊं,
खिलौने होते हुए भी, नए के लिए चिल्लाऊं ।

दूध देख कर, मुंह बनाऊं,
पढ़ने से भी जी चुराऊं ।

कभी फोन तो, कभी टीवी देखूं,
छोटी छोटी बात पे, मां-बाप को कोसुं ।

लेकिन मेरा ऐसा नसीब कहां,
आसानी से मिल जाए वो चीज कहां ,
पेट के लिए खुद को भुला दिया,
जिम्मेदारी में, बचपन को गवां दिया ।





 आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर एक #collab Aesthetic Thoughts द्वारा दिया हुआ। #atमेरेख़्वाब

Transliteration: 
Mere bhi kai khwaab the 
(I too had several dreams) 

• Please maintain the aesthetics. 
#yqbaba  #yqaestheticthoughts #yqdidi #worlddayagainstchildlabour