ख़त धूल जम गई होगी खातों पर अब तो, ज़रा दराज़ से निकाल कर देखना तुम.. आहिस्ते से हटाना लिफाफे पर ज़मीं धूल को, खुशबू यादों को अब भी वैसी है ज़रा महकना तुम, देखना, कहीं स्याही किसी अक्षर को मिटा तो नहीं पाई है, बैठा हूं फिर दोहराने काग़ज़ पर यादों को, अरसे बाद फिर तुम्हारी याद आई है... ©the_unsung_teller #yaadein #yaadeinunki #love #ख़त