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आज फिर एक लम्हा टपक के वक़्त के दरिया में बहगया मां

आज फिर एक लम्हा टपक के वक़्त के दरिया में बहगया
मांगे हमारे अभी भी किस्मत वही है बस शायद कहीं मेहनत से चुकगया
प्रतिकूल इन हालातों के झोंकोमे मैंने खुदको रोकलिया
रणछोड़ तो कान्हा भी कहलाता हैं
हमने बस वक़्त के साथ कुछ समझोता करलिया ।
पर ये समझोते की सरकार कब तक टिक पायेगा
होसले अब बुलंद फिर से हो रही है
वक़्त आने पे वक़्त का दरिया भी मंजिलों की तरफ बहेगा
और एक नाव हमारा भी उसपे तेहरेगा । #life #hindi #motivation #manzil
आज फिर एक लम्हा टपक के वक़्त के दरिया में बहगया
मांगे हमारे अभी भी किस्मत वही है बस शायद कहीं मेहनत से चुकगया
प्रतिकूल इन हालातों के झोंकोमे मैंने खुदको रोकलिया
रणछोड़ तो कान्हा भी कहलाता हैं
हमने बस वक़्त के साथ कुछ समझोता करलिया ।
पर ये समझोते की सरकार कब तक टिक पायेगा
होसले अब बुलंद फिर से हो रही है
वक़्त आने पे वक़्त का दरिया भी मंजिलों की तरफ बहेगा
और एक नाव हमारा भी उसपे तेहरेगा । #life #hindi #motivation #manzil
bikash3485494104005

Bikash

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