बड़े बेसबर होकर तेरा इंतज़ार करते हैं हम रब से भी ज़्यादा तुम पर ऐतबार करते हैं और ये जो तेरे शहर के लोग हैं बस तेरे हुस्न-ए-दीदार को चाहते है तुम्हें पर दुर वाले तुमसे लगता हैं सच्च में प्यार करते हैं ©Ravi Malik