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दिल बेचैन हो गया... सांसे थम गई... एक अजीब बेचैनी

दिल बेचैन हो गया...
सांसे थम गई...
एक अजीब बेचैनी सी छा गई.. मुझे में जैसे बेताबी आ गई
उस दिन तो यही थी?
आज कहां गई यह खयाल मेरे जहन को तड़पा गई...
आज जो वह बूढ़ी दादी वहां नहीं दिखी तो...
पल भर में मेरी सांसे मेरी धड़कन को धड़का गई
बेचैन बेसुध हो में उसे ढूंढने लगी 
दादी दादी कहकर में गलियों में घूमने लगी...
रो-रो चिल्ला रही थी बेचैन सुधा आवाज में
मेरी चिल्लाहट की आवाज से गलियां भी बोलने लगे
आज वह दादी मां नहीं दिखी तो मेरी बेचैनियां हद से ज्यादा बढ़ने लगी..
फिर धीरे से एक नन्ना बच्चा आया उसने उस दादी का मुझे पता बताएं।
दादी बीमार है यह सुनते ही मेरी आंखों की नदियां और जोरो से बहने लगी
आज वह दादी मुझे नहीं दिखे तो मानो जैसे मैं पल भर में मरने लगी...

दौड़ कर गई मैंने उस दादी को अपने गले लगाया..
उन्हें गले लगाते महसूस हुआ जैसे मैंने स्वर्ग को अपने पास पाया...
मेरी अपनी दादी तो नहीं थी इस दादी में मैंने अपनी दादी को पाया..
और आज यह दादी जब नहीं दिखी तो मुझे दादी का मतलब और उनके प्यार का एहसास समझ आया..
फिर मैंने यह कसम खाया...
खो दिया मैंने अपने को अब इनको ना खोना है..
बड़ी किस्मत से मिलता है दादा-दादी ओ का प्यार
इस दादी को मुझे मेरे अंतिम सांस तक जिंदा रखना है इनके आशीर्वाद से ही मुझे पढ़ना है मुझे मेरी दादी के पास ही रहना।

©sweta kumari swati ##dadi maa #Love #family #lovefail 
#dadi 
#sanskat  अं_से_अंशुमान अब्र The Imperfect Madhusudan Shrivastava  Anshu writer  Kapil Nayyar  Shiv Narayan Saxena
दिल बेचैन हो गया...
सांसे थम गई...
एक अजीब बेचैनी सी छा गई.. मुझे में जैसे बेताबी आ गई
उस दिन तो यही थी?
आज कहां गई यह खयाल मेरे जहन को तड़पा गई...
आज जो वह बूढ़ी दादी वहां नहीं दिखी तो...
पल भर में मेरी सांसे मेरी धड़कन को धड़का गई
बेचैन बेसुध हो में उसे ढूंढने लगी 
दादी दादी कहकर में गलियों में घूमने लगी...
रो-रो चिल्ला रही थी बेचैन सुधा आवाज में
मेरी चिल्लाहट की आवाज से गलियां भी बोलने लगे
आज वह दादी मां नहीं दिखी तो मेरी बेचैनियां हद से ज्यादा बढ़ने लगी..
फिर धीरे से एक नन्ना बच्चा आया उसने उस दादी का मुझे पता बताएं।
दादी बीमार है यह सुनते ही मेरी आंखों की नदियां और जोरो से बहने लगी
आज वह दादी मुझे नहीं दिखे तो मानो जैसे मैं पल भर में मरने लगी...

दौड़ कर गई मैंने उस दादी को अपने गले लगाया..
उन्हें गले लगाते महसूस हुआ जैसे मैंने स्वर्ग को अपने पास पाया...
मेरी अपनी दादी तो नहीं थी इस दादी में मैंने अपनी दादी को पाया..
और आज यह दादी जब नहीं दिखी तो मुझे दादी का मतलब और उनके प्यार का एहसास समझ आया..
फिर मैंने यह कसम खाया...
खो दिया मैंने अपने को अब इनको ना खोना है..
बड़ी किस्मत से मिलता है दादा-दादी ओ का प्यार
इस दादी को मुझे मेरे अंतिम सांस तक जिंदा रखना है इनके आशीर्वाद से ही मुझे पढ़ना है मुझे मेरी दादी के पास ही रहना।

©sweta kumari swati ##dadi maa #Love #family #lovefail 
#dadi 
#sanskat  अं_से_अंशुमान अब्र The Imperfect Madhusudan Shrivastava  Anshu writer  Kapil Nayyar  Shiv Narayan Saxena