ख्वाबें आंखों में ही सिमट गई वादे अल्फाज बन ही रह गए अरसे बाद जब हम मिले ना रही कोई ख्वाबें,न कोई वादें जब से वह लौटी है दिल उसका बदला बदला है जो कभी था मेरा वह मुझसे रूठा हुआ है समझ न आता कैसे समझाऊं उसको वह जो मुझसे कभी रूठा ही न हो आज मनाऊं कैसे उसको जब दिल को दिल की याद आती है दिल की उसके धड़कनों से जब बात होती है कुछ पल के लिए धड़कनें यूं थम जाती हैं मौत हमें अपने करीब नजर आती है #अरसे बाद,जब हम मिले