भाग 3 मैं पूरे 10 साल बाद घर आया था।मेरे घर में कई कमरे थे,मुझे समझ नहीं आ रहा था कि रुकना किस कमरे में है।बड़ी दीदी ही बता सकती थीं पर उन्हें आवाज दिए बिना ही बरबस अपने कमरे की ओर बढ़ गया।नहीं वो सिर्फ मेरा नहीं मनप्रीत का भी तो कमरा था।दरवाजा खोलने वाला ही था कि मां ने अचानक आकर मेरे हाथ झटक दिए। "लल्ला ये क्या कर रहा है!मनप्रीत की मौत के बाद से ही इस कमरे में कोई नहीं जाता। अजीब अजीब आवाजें आती हैं इस कमरे से।वो पंजाबन जिंदा में क्या कम तंग करती थी जो मर कर भी चैन से रहने नहीं दे रही हम लोगों को! हाईवे पर भी....!!चल लल्ला मेरे कमरे में ही सो जा आज।कल सुबह पारस आ जाएगा तो फिर उसके साथ ही रहना।" "अरे मां बस भी करो।मनप्रीत मर चुकी है वो भी तुम्हारी बेवकूफियों की वजह से,तुम्हारी दकियानूसी सोच की वजह से।पोते की चाह में भाभी को इस उम्र में.....चलो जाओ जाकर देख लो पोते का मुंह,संभालो अब सबकुछ।"मैं गुस्से में मां पर बिफर पड़ा। आगे जारी..... ©निम्मी #वहांकौनहै #हॉररकहानी भाग 3