आज फिर, गुज़र गयी है मगर रोज याद आती है, वो शाम भी आजकल बहुत याद आती है। 一 बालानाथ राय गुज़र गयी है मगर रोज याद आती है, वो शाम भी आजकल बहुत याद आती है। 一 बालानाथ राय