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कोई होता मना लेता, सीने से लगा लेता। सब मुझको धकेल

कोई होता मना लेता, सीने से लगा लेता।
सब मुझको धकेले है, कोई मुझको उठा लेता।

नदियां वो जो पावन है, सब कहते है पाप धुलते है,
डुबकी लगाने से पहले, तू कचरा तो हटा लेता।

मृत्यु कब की है निश्चित, गर मुझको पता ये रहता।
मैं अपने इन हाथों से, तेरई भी खिला देता।

ना मालूम था इस जग में, कम कीमत है उसूलों की,
भावुक में भी ना रहता, थोड़ा सा कमा लेता।

तुम कहते हो भूल जाओ, उस बिछड़ी मोहब्बत को,
क्या अहदे वफा यह होती, गर दिल फिर से लगा लेता।

©Anu...Writes #बेबाकबोल
कोई होता मना लेता, सीने से लगा लेता।
सब मुझको धकेले है, कोई मुझको उठा लेता।

नदियां वो जो पावन है, सब कहते है पाप धुलते है,
डुबकी लगाने से पहले, तू कचरा तो हटा लेता।

मृत्यु कब की है निश्चित, गर मुझको पता ये रहता।
मैं अपने इन हाथों से, तेरई भी खिला देता।

ना मालूम था इस जग में, कम कीमत है उसूलों की,
भावुक में भी ना रहता, थोड़ा सा कमा लेता।

तुम कहते हो भूल जाओ, उस बिछड़ी मोहब्बत को,
क्या अहदे वफा यह होती, गर दिल फिर से लगा लेता।

©Anu...Writes #बेबाकबोल