कब से खड़े थे हम तेरे राह तकते तकते पलकें बिछाये यूँही हम खड़े खड़े थक से गए हम अब आए हो तुम जाने ना देंगे हम तेरी एक चुंबन की तपिश से मेरे लबों की प्यास बुझे तेरे बाहों के सहारे ज़िन्दगी हम गुजारें दें ♥️ Challenge-883 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।