अभी अभी तो कह रहा था वो जी जी मुझको। ग़रज़ गई तो अदब को भी दरकिनार किया।। बहुत पहुँचाना चाहा उसने ख़सारा मुझको। मेरे ग़नी ने मुझे ओर मालदार किया।। मेरे क़िरदार का बदला तो बस रुसवाई था। अफ़वे मौला ने मुझे इस बला से पार किया।। काश दुनियां की मुहब्बत में ना फंसता मैं मियाँ। आह इस इश्क़-ए-मज़ाज़ी ने ख़तावार किया।। कुछ भी करता हूँ पर इख़लास रह ही जाता है। मुझको वाह वाह की ख्वाइशों ने रियाकार किया।। ©AhMeD RaZa QurEsHi Part-2 #नतीजा... #AhMeD_RaZa_QurEsHi @MiyA Azad ताहिर তাহীৰ indira