Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिसंबर की सर्द रात , घना कोहरा , और उसको चीरता वो

दिसंबर की सर्द रात , घना कोहरा , और उसको चीरता वो रिक्शा । वो सड़क बहुत सुनसान हो गयी थी , शायद इस पहर कोई लौटता नहीं । अब वो भी नहीं लौटेगा , आज आखिरी दफा छोड़ने आया है बस । सड़क पर अचानक एक गड्ढा आया , और निधि ने उसका हाथ कस के पकड़ लिया । उसे मह्सूस हुआ निधि की हथेली बिलकुल ठंडी पड़ी थी । उसने अपने गले से लिपटा मफलर निकाला , और उसके हाथों के इर्द गिर्द लपेट दिए । निधि एक तक उसे देखती रही , कुछ कह नहीं पायी । रिक्शा चलता रहा । ये सफर भी ख़त्म हुआ , उसका हॉस्टल आ गया ! वो उसकी तरफ देखकर बस इतना बोली " साथ न भी रहूँ , ये मफलर जो तुमने मेरे हाथों पर बाँधा है , मेरे लिए किसी कंगन से कम नहीं है , सदा अपने साथ रखूंगी । " वो कुछ कह न सका , बस देखता रहा , और उस हॉस्टल के गेट के अंदर जाकर धुंध में निधि कहीं विलुप्त हो गयी , हाँ विलुप्त हो गयी ।  #NojotoQuote Aakhiri Mulakaat !
#PS #Nojoto #NojotoHindi #AakhiriMulakaat #ShortStory
दिसंबर की सर्द रात , घना कोहरा , और उसको चीरता वो रिक्शा । वो सड़क बहुत सुनसान हो गयी थी , शायद इस पहर कोई लौटता नहीं । अब वो भी नहीं लौटेगा , आज आखिरी दफा छोड़ने आया है बस । सड़क पर अचानक एक गड्ढा आया , और निधि ने उसका हाथ कस के पकड़ लिया । उसे मह्सूस हुआ निधि की हथेली बिलकुल ठंडी पड़ी थी । उसने अपने गले से लिपटा मफलर निकाला , और उसके हाथों के इर्द गिर्द लपेट दिए । निधि एक तक उसे देखती रही , कुछ कह नहीं पायी । रिक्शा चलता रहा । ये सफर भी ख़त्म हुआ , उसका हॉस्टल आ गया ! वो उसकी तरफ देखकर बस इतना बोली " साथ न भी रहूँ , ये मफलर जो तुमने मेरे हाथों पर बाँधा है , मेरे लिए किसी कंगन से कम नहीं है , सदा अपने साथ रखूंगी । " वो कुछ कह न सका , बस देखता रहा , और उस हॉस्टल के गेट के अंदर जाकर धुंध में निधि कहीं विलुप्त हो गयी , हाँ विलुप्त हो गयी ।  #NojotoQuote Aakhiri Mulakaat !
#PS #Nojoto #NojotoHindi #AakhiriMulakaat #ShortStory