बस नफरतों में घर-घर जल रहा था, शाम,सुबह और दोपहर जल रहा था, बात उसने कि थी मज़हब की साहब, दंगों की आग में शहर जल रहा था.... ©Anant Tiwary #दंगो Nisha Tiwari.