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मेरी आंखियन की प्यास हो तुम मेरे सच्चे प्रीतम हो त

मेरी आंखियन की प्यास हो तुम
मेरे सच्चे प्रीतम हो तुम
दर - दर भटकाते हो तुम
फिर उसी के ह्रदय मे बसते हो तुम
तोसे प्रेम सरल ना पायो
तू मिल जाये ये हमने पायों
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूजो ना कोई होए

©Himshree verma
  #श्याम #दीवानी #मीरा #कन्हैया #कृष्ण