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बेनाम हमारे रिश्ते को, बेवज़ह नामो में क्यू गुमनाम

बेनाम हमारे रिश्ते को, बेवज़ह नामो में क्यू गुमनाम करते हो।
बेताबी की इस आलम में, बेवज़ह दिल को क्यू बहलाते हो।
ये ख़ामोशी सा जो छाया है, बेआबरू होकर हमने पाया है।
लोग अक्सर यही कहते है, मोहब्बत में हम जीते मरते है।
रिश्तों के इन जिहाद में हम, तेरा दर पे रुक्सत करते है।
एक झलक तेरी आँखों में देखी, फिर दुनिया से न डरते है।
ये नगमा मेरे प्यार का, कभी तेरी सुरों में खिलती है, बेनामी की इस आज़ादी में बेताबी घुल सी जाती है।
 #YQBaba #Benami #Betabi
बेनाम हमारे रिश्ते को, बेवज़ह नामो में क्यू गुमनाम करते हो।
बेताबी की इस आलम में, बेवज़ह दिल को क्यू बहलाते हो।
ये ख़ामोशी सा जो छाया है, बेआबरू होकर हमने पाया है।
लोग अक्सर यही कहते है, मोहब्बत में हम जीते मरते है।
रिश्तों के इन जिहाद में हम, तेरा दर पे रुक्सत करते है।
एक झलक तेरी आँखों में देखी, फिर दुनिया से न डरते है।
ये नगमा मेरे प्यार का, कभी तेरी सुरों में खिलती है, बेनामी की इस आज़ादी में बेताबी घुल सी जाती है।
 #YQBaba #Benami #Betabi