उम्मीद न कर मेरे हसने की अब, वो दिन फिर न लौटकर आयेंगे, जो मजधार में छोड़ गए तन्हा, वो दोबारा फिर न लौटकर आयेंगे, जनता हूं कि अब वो वक्त नहीं रहा, जब वो हमको मजबूत खुद बनाएंगे, सोचता हूं बताए हर सफर नामे को, कि वे हर मंजिल तक साथ आएंगे, जिन्होंने बनाया है हमको इस तरह, वो ये दुनियां छोड़ चले जायेंगे, कर जायेंगे तन्हा हमें इस कदर, वो दिन फिर न लौटकर.............! वो हमें......!