इश्क़ मैं ख़ुद को ख़्वार कर के देख लिया, दोस्तों को भी गमख़्वार कर के देख लिया। मुझे मत दिखाओ रहजनों का फ़रेब,, मैंने रहबरों पर ऐतेबार कर के देख लिया।। उसे सिखाने आया है इन्तेहा इश्क़ की,, जिसने बेइंतेहा प्यार कर के देख लिया।। ख़ुदग़र्ज हो गया अब अपनी ही सोच में,, बहुत ख़ुद को मैंने बेदार कर के देख लिया।। छीन के लेता हूँ ज़माने से हर हक़ अपना,, अपने आप को लाचार कर के देख लिया।। इक माँ ने ही देखा निगाह-ए-तस्कीन से ,, मैंने भी कभी ज़माने को घर कर के देख लिया। बंद कर दे सारे दीवार-ओ-दरीचे रफ़ीक़ दिल को बहुत समन्दर कर के देख लिया।। #Nashad💔👉👀 MayanK