Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं गिरूंगा , मैं हारूंगा फिर भी बार बार खड़ा हो

मैं गिरूंगा , मैं हारूंगा
 फिर भी बार बार खड़ा हो जाऊंगा ।

बूंद बूंद से किनारा कर के
में सागर बन जाऊंगा ।

सपने सजा कर आए हैं सारे
उन सपनों को ना बिखरने दूंगा ।
चाहे टूट जाए दुनिया सारी
पर खुद को ना टूटने दूंगा ।

नींद जुड़ेगी तो 
आग बन खड़ा हो जाऊंगा ।
किनारे पर कितना भी पानी हो
पर मे रेत का महल ना बिखरने दूंगा ।

जब देखेगी मुझे सारी दुनिया
तब मैं खड़ा आसमान में रहूंगा ।
चाहे कोई कितना भी खींचे मुझे
बंन पंछी में खुले आसमान में ऊडुगा  

              – रितेश गडम

©Ritesh Gadam
  #akelapan #उम्मीद #सपनोकी राह #हिंदी  motivational poem #fighter of life