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पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रे

पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। 

अर्थ – कबीर जी कहते है की बड़ी बड़ी किताबे पढ़कर न जाने कितने लोग इस दुनिया से चले गये लेकिन कोई भी वास्तविक ज्ञान प्राप्त नही कर सका, जबकि जो लोग प्यार और प्रेम की भाषा को अच्छी तरह समझ जाता है वही व्यक्ति दुनिया का सबसे ज्ञानी व्यक्ति होता है।।।

©Bhavya Singh #kabir #doha #Favourite #poet #indian #writer #positive #love #nojoto #nojotohindi Laughing_soul Pragya Bharti✰ Ruchika arya pranjali Sujata jha
पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। 

अर्थ – कबीर जी कहते है की बड़ी बड़ी किताबे पढ़कर न जाने कितने लोग इस दुनिया से चले गये लेकिन कोई भी वास्तविक ज्ञान प्राप्त नही कर सका, जबकि जो लोग प्यार और प्रेम की भाषा को अच्छी तरह समझ जाता है वही व्यक्ति दुनिया का सबसे ज्ञानी व्यक्ति होता है।।।

©Bhavya Singh #kabir #doha #Favourite #poet #indian #writer #positive #love #nojoto #nojotohindi Laughing_soul Pragya Bharti✰ Ruchika arya pranjali Sujata jha
bhavyasingh7659

Bhavya Singh

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