थे रखे...शब्द मैंने पटल पर की...समुख कोई यूँ...आएगा मालूम किसे था जाती बिखरती स्याही...आफताब से नैनो के उसको यूँ...भायेगा मालूम किसे था कुछ हर्फ...आखर...लिखे सेरो...शायरी गीत गजल दिल मे उत्पात यूँ....मचाएगा मालूम किसे था धड़कन गुनगुनायेगी नाम...उसका दिल मिलन का ख्वाब यूँ....सजायेगा मालूम किसे था विरह में व्यतीत रात संग प्रेम...कर बात दिन बीत यूँ....जाएगा मालूम किसे था बांध घुंघरू...पैरो में स्वागत बादल घेरों में यूँ...छाएगा मालूम किसे था समा रूह में....एक दुझे के दरमियाँ लांघ मिलो दूरियां शहर कृष्ण...राधा के बंशी... यूँ....बजाएगा मालूम किसे था ©Raj choudhary "कुलरिया" #राधेकृष्णा #Love थे रखे...शब्द मैंने पटल पर की...समुख कोई यूँ...आएगा मालूम किसे था जाती बिखरती स्याही...आफताब से नैनो के उसको यूँ...भायेगा मालूम किसे था