"कविता पर कविता" मन से निकला काव्य हो तुम मेरी ख़ुशी का आधार हो तुम भावनाओं का संगम मेल हो तुम प्रसंन्नता, उमंग सी भर जाए ऐसा रस है तुममें तुम सिर्फ़ कविता नहीं लोगों के मन को छू जाए ऐसी रचना हो तुम।। #poetrydaychallenge2 #aestheticthoughts #atpoetrydayfun #worldpoetryday #kavitaparkavita