भेजी थी जो तुम्हें पायल अपने नाम की जब भी पहन कर चलोगी मेरे ही नाम की झंकार गूंजेगी कबूल कर ली उसने भी तोहफ़ा पायल की अब मोहब्बत भी छम छम कर झंकार बज कर गूंजेगी अब सुबह सुबह वो रोज़ सुनाती अपने पायल की झंकार ना सुनाया करो हमें मेरे दिल के बजने लगते तार तेरे पायल की झंकार रोज़ छम छम कर बहुत ही शोर मचाती है तेरे चलने पर पायल की झंकार मेरे दिल में हलचल कर जाती है ♥️ Challenge-885 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।