|| मां का स्वप्न || कर देंगे ये स्वप्न भी पूरा जो तुमने देखा हैं मां ! भ्रष्टाचार की नगरी में सभ्यता का परचम लहरायेंगे ! जो तुमने व्यतीत किया दुःख उसको सुख में बदलेंगे ! प्रजातंत्र की नगरी में कुछ ऐसा करके जाएंगे रह जाएंगे स्तब्ध सब जो तुमको ताने मारते थे !! कलयुग की इस नगरी में सच्चाई का न्याय बसाएंगे ! मेहनत , लक्ष्य , जज्बातों से अपना परचम लहरायेंगे !! तेरे आशीर्वाद से मां लब्साना नगरी जाएंगे ! तुमने देखा है एक स्वप्न जो राजा की कुर्सी हैं अपनी मेहनत से उस कुर्सी के घर जाएंगे ! होगा स्वप्न मेरा भी पूरा