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मेरे चाहने से अगर सब हो जाता, तो मैं कहता और तू रब

मेरे चाहने से अगर सब हो जाता,
तो मैं कहता और तू रब हो जाता,

फिर किसी को इबादत करने न देता,
क्योकि मेरा तू मज़हब हो जाता।

व एक आशियाने में दरबार लगाता तेरा,
अगर करिश्मा ए बे अदब हो जाता।

हर आईना तेरा ही जिक्र करता,
नूर ए जन्नत का सबब हो जाता। # Adab.....
मेरे चाहने से अगर सब हो जाता,
तो मैं कहता और तू रब हो जाता,

फिर किसी को इबादत करने न देता,
क्योकि मेरा तू मज़हब हो जाता।

व एक आशियाने में दरबार लगाता तेरा,
अगर करिश्मा ए बे अदब हो जाता।

हर आईना तेरा ही जिक्र करता,
नूर ए जन्नत का सबब हो जाता। # Adab.....

# Adab.....