मेरे चाहने से अगर सब हो जाता, तो मैं कहता और तू रब हो जाता, फिर किसी को इबादत करने न देता, क्योकि मेरा तू मज़हब हो जाता। व एक आशियाने में दरबार लगाता तेरा, अगर करिश्मा ए बे अदब हो जाता। हर आईना तेरा ही जिक्र करता, नूर ए जन्नत का सबब हो जाता। # Adab.....