।। एक सुखी परिवार।। अपनेपन की बगिया है खुशहाली का द्वार, जीवन भर की पूँजी है एक सुखी परिवार । मां की ममता में बसता है बच्चों का संसार, जीवन का रस्ता दिखलाए बापू की फटकार । दादा-दादी की बातों में है जीवन का सार, भाई-बहना का रिश्ता है रिश्तों का आधार । घर की लक्ष्मी बनकर पत्नी देती है घर को आकार, बहू जहां बन जाए बेटी होता स्वर्ग वहां साकार । नाजुक डोरी रिश्तों की मांगे बस थोड़ा सा प्यार अहम छोड़ कर गर झुक जाए बना रहेगा घर संसार । टूटेगा हर सपना अपना अगर बिखरता है परिवार साथ अगर हो अपनों का तो होगा खुशियों का अम्बार । आओ करे कामना ऐसी बिखरे ना कोई परिवार मिल झुल कर सब साथ रहे हर दिन हो जाए त्यौहार । अपनेपन की बगिया है खुशहाली का द्वार, जीवन भर की पूँजी है एक सुखी परिवार । ।। एक सुखी परिवार।।