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जो न देखा मुड़कर एक नज़र और सोच बैठी कि तरस जाऊंगा म

जो न देखा मुड़कर एक नज़र
और सोच बैठी कि
तरस जाऊंगा मैं।
आने तो दे सावन को एक बार
बनकर बादल 
बरस जाऊंगा मै।।
      ©【विनीत】
जो न देखा मुड़कर एक नज़र
और सोच बैठी कि
तरस जाऊंगा मैं।
आने तो दे सावन को एक बार
बनकर बादल 
बरस जाऊंगा मै।।
      ©【विनीत】