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गोत्र बताते बात बात पर समझते खुद को ज्ञानी हो ऊंच

गोत्र बताते बात बात पर
समझते खुद को ज्ञानी हो
ऊंच नीच का भेद फिर कर
बन जाते अज्ञानी हो
जन्म लिया ब्राह्मण कुल में,
तो क्या तुम सबसे श्रेष्ठ हो?
मांस मदिरा का सेवन जीवन में,
तुम तो सबसे भृष्ट हो...
समाज के बनाये नियम कहकर
कितने ही तुमने अत्याचार किये
क्षुद्र रहे बस तुमसे दबकर
पल पल तुमने वार किए।
क्या रक्त तुम्हारा अलग है उनसे?
क्या तुमको अमरता प्राप्त है?
क्या अंत तुम्हारा निश्चित नहीं?
क्या तुम्हें नहीं संताप है?

स्वीकारो,
हम अलग नहीं हम एक हैं
सर्वश्रेष्ठ बस वही है, जिसके कर्म सभी नेक हैं

©naam men kya rakhha hai #Nojoto #Religion #India #discrimination #Society #Poetry #कविता #Hindi #hindi_poetry #thought
गोत्र बताते बात बात पर
समझते खुद को ज्ञानी हो
ऊंच नीच का भेद फिर कर
बन जाते अज्ञानी हो
जन्म लिया ब्राह्मण कुल में,
तो क्या तुम सबसे श्रेष्ठ हो?
मांस मदिरा का सेवन जीवन में,
तुम तो सबसे भृष्ट हो...
समाज के बनाये नियम कहकर
कितने ही तुमने अत्याचार किये
क्षुद्र रहे बस तुमसे दबकर
पल पल तुमने वार किए।
क्या रक्त तुम्हारा अलग है उनसे?
क्या तुमको अमरता प्राप्त है?
क्या अंत तुम्हारा निश्चित नहीं?
क्या तुम्हें नहीं संताप है?

स्वीकारो,
हम अलग नहीं हम एक हैं
सर्वश्रेष्ठ बस वही है, जिसके कर्म सभी नेक हैं

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