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दिन भर रोने से किसी की याद आती हो तो आज मुझे रोना

दिन भर रोने से किसी की याद आती हो
तो आज मुझे रोना मंज़ूर नहीं 
और हा,
रात भर सोने से किसी के ख़्वाब तकलीफ दे
तो आज मुझे सोना मंज़ूर नहीं ऐसे ही ठीक हूं मैं
दिन भर रोने से किसी की याद आती हो
तो आज मुझे रोना मंज़ूर नहीं 
और हा,
रात भर सोने से किसी के ख़्वाब तकलीफ दे
तो आज मुझे सोना मंज़ूर नहीं ऐसे ही ठीक हूं मैं
sumitmagar8047

Sumit Mgr

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