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White व्यथा अपने मन की दूर खड़ा कहीं शांतचित्त पू

White व्यथा अपने मन की

दूर खड़ा कहीं शांतचित्त पूछ रहा मैं अपने मन 
से , क्यूं है इतना हलचल मेरे इस अंतर्मन में,


क्यूं नहीं हूं स्थिर मैं अपने इस जीवन में, मन
में ये व्यथा , ये दुख, ये शोक है अब किसका,


नहीं कोई अपना जब रह गया इस जीवन में,
इस व्याकुलता को कर दूर, एकाग्रचित कर


अपने मन को, कर निर्धारित एक लक्ष्य इस
जीवन में ,कर एकाग्र अब अपने मन को


इस विषम स्थिति में ले अब प्रण अपने
मन में,करना है हासिल लक्ष्य अब अपने
जीवन में ।।

©Gaurav Prateek
  #व्यथा_मन_की 
 अच्छे विचार शायरी 'अच्छे विचार' सुविचार इन हिंदी   Swati sharma  Sm@rty Divi P@ndey  Anshu writer  vineetapanchal  Urmeela Raikwar (parihar)  Subhashree Sahu

#व्यथा_मन_की अच्छे विचार शायरी 'अच्छे विचार' सुविचार इन हिंदी Swati sharma Sm@rty Divi P@ndey @Anshu writer @vineetapanchal @Urmeela Raikwar (parihar) @Subhashree Sahu

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