अपनी भी एक कहानी थी, M.Sc. में अलग ही जिंदगानी थी। दो साल जिसमें पढ़कर निकाल दिए, University वो बहुत पुरानी थी।।1।। HOD सर की क्लास विद नेचर के साथ, नेचर ही है उनका गहना, ये था Arya sir का कहना। अभिमन्यु सर की खास बात,चलती थी जब लंबी क्लास, नो वाटर नो बकवास, बाहर टीचर या फिर हो ब्लास्ट l नहीं था उनको किसी से लेना, चाहे थक ही जाए नैना, अब वो दिन याद आते है, सर की एक क्लास के लिए मचल जाते हैं।। गिरी सर कि है ये कहानी, जिद थी उनकी एक पुरानी नहीं चलेगी सिस्टम की मनमानी अपने से सब काम कराते, वर्मीकमपोस्ट वो बनवाते, ऑफिस के ताले में पर्ची, बताती थी उनकी रवानी याद आती है वो university पुरानी.....।।2।। विनीत सर से जाना ये राज, हो चाहें कैसी भी बात बचीं ना हो कोई आश पर होना नहीं जिंदगी में उदास, पाल सर में था ये खास, ग़ज़लों से था उनका साथ होते थे जब सब पास , सर बन जाते थे पंकज उदास। बात Ma'am की करता हूं, एक किस्सा मैं गढ़ता हूँ , जब भी होता कोई confusion ma'am से मिलता तुरंत solution बात मुझे याद आती है, एक question पे लटक जाती है। नहीं दे पाया कोई answer ma'am ने लगाई class भयंकर छोटा सा ज़वाब नहीं दे पाए, डिपार्टमेन्ट की नाक कटाए खैर छोड़ों ये कहानी क्युकि बात भी हो गयी बहुत पुरानी सब की हो गयी यहाँ से रवानी, अब यादों मे ही रह गयी University पुरानी ©Akshay kumar Dwivedi #University वो बहुत पुरानी थी #friends