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मेरी हक़ीक़त हो तुम, तुम्हारा अफ़साना मैं, मैं भंवर ह

मेरी हक़ीक़त हो तुम, तुम्हारा अफ़साना मैं,
मैं भंवर हूँ किसी दरिया का, तू मेरा किनारा हो जा।

पुरवैया सुहानी तू , मैं कोई रेगिस्तान सा, तेरी सोहबत जो मिले तो तर जाऊँ,
ग़म की धूप मेरे मत्थे से हटा दे, आ तू मेरे वजूद का हिस्सा हो जा।

तेरी "नज़र" में मुझे दुनिया भर की सच्चाई नज़र आती हैं,
मैं जी रही बरसों से किसी भ्रम में, तू आजा मेरे झूठ की हक़ीक़त बन जा।

ठोंकर खा खा कर ज़िन्दगी से, ज़ख़्म की टीस से कराहती हूँ मैं,
तू आजा के आके इन ज़ख्मों का मलहम बन जा।

जो हैं मेरा इकलौता अब तू ही है यहाँ,
माँ की गोद तो अब मयस्सर ना हैं, तू आ के अपने कांधों का सहारा ही दे जा।

मैं लायक नहीं दुनिया के, ना ये दुनिया मेरे लायक़ हैं,
तू आकर के मुझे छुपाले ख़ुद में, और मेरा घर बन जा। ♥️ Challenge-680 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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मेरी हक़ीक़त हो तुम, तुम्हारा अफ़साना मैं,
मैं भंवर हूँ किसी दरिया का, तू मेरा किनारा हो जा।

पुरवैया सुहानी तू , मैं कोई रेगिस्तान सा, तेरी सोहबत जो मिले तो तर जाऊँ,
ग़म की धूप मेरे मत्थे से हटा दे, आ तू मेरे वजूद का हिस्सा हो जा।

तेरी "नज़र" में मुझे दुनिया भर की सच्चाई नज़र आती हैं,
मैं जी रही बरसों से किसी भ्रम में, तू आजा मेरे झूठ की हक़ीक़त बन जा।

ठोंकर खा खा कर ज़िन्दगी से, ज़ख़्म की टीस से कराहती हूँ मैं,
तू आजा के आके इन ज़ख्मों का मलहम बन जा।

जो हैं मेरा इकलौता अब तू ही है यहाँ,
माँ की गोद तो अब मयस्सर ना हैं, तू आ के अपने कांधों का सहारा ही दे जा।

मैं लायक नहीं दुनिया के, ना ये दुनिया मेरे लायक़ हैं,
तू आकर के मुझे छुपाले ख़ुद में, और मेरा घर बन जा। ♥️ Challenge-680 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

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