मैं कोई जिंदान नही, जो तुझे क़ैद कर लूं अर्श बिछाया है तेरे ख़्वाबों को पंख मिले। मुझको इश्क़ मुकम्मल हो न हो, तेरी मर्जी जुगनू बनूं, तेरी रात का कोना चमकता रहे। और तन्हाईयाँ तो मेरी मेहबूबा के जैसे हैं तू मिला तो ठीक, बाहें थामे हुए वो है ही। किसी रोज मुकर गया जो तू अपने वादे से मैय्यत पर रोने को तनहाई मेरे साथ रहेगी। बिना पत्तों के दरख्तों से छांव नही आती फिर चाहे हवा की तासीर गर्म हो या ठंढी। #khwaab #mayyat #dil #love #alone #shadesoflife