किसी अजनबी पर एतबार ना रहा धोखा खाया मैंने ऐसा वो पक्का सच्चा फ़रेबी निकाला थी मैं बहुत नादान उसके बातों में आती गई कहता था बस देख तेरी सूरत याद आती बस मां की मूरत वो था बस एक फ़रेबी कर गया था फ़रेब रिश्ता निभा रहा था मेरे साथ फेरे लिए उसने किसी और के साथ उसके चिकनी चुपड़ी बातों में कितने सारे फसें थे पता चला वो तो बस प्यार का फ़रेबी था। ♥️ Challenge-611 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।