बचपन का एक ख़्वाब था, दादी ने सुनाया एक किस्सा पुराना था..! लगा के पंख मुझे भी परियों के, देश उड़ जाना था..! हरी भरी महकती वादियों में, सुंदर महल बनाना था..! जहाँ प्यार ही प्यार हो नफ़रत का, ना कोई ठिकाना था..! बचपन बीता, ख़्वाब टूटा, हक़ीक़त के, धरातल पर अब जीवन बिताना था..! कौन अपना कौन पराया है, ख़ुद से रूबरू कराना था..! दुनियाँ के रंगों ने बताया, दादी का किस्सा, एक अफ़साना था..! पल में बदलते रिश्तों ने बताया, इस देश लाडो, तुझे ना आना था। कुछ सपने हमेशा ज़िंदा रहते हैं। #बचपनकाख़्वाब #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #yqtales #yqquotes #yqdada #yqhindi