कितने जिद्दी होते हैं, ये नटखट, छुटपुट पौधे, जो निकल आते हैं बरसातों के बाद.. ये निकल आते हैं, जंग लगी खिड़कियों के अंदर से.. कंकड़, पथरीली ज़मीन बंजर से.. कभी फर्श बीच बनी दरारों से.. कभी फफूंद लगी दीवारों से.. Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto