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तू ही आसमाँ मेरा, और तू ही जमीं है..! बिखरे जीवन

 तू ही आसमाँ मेरा,
और तू ही जमीं है..!

बिखरे जीवन में मेरे,
बस तेरी कमी है..!

गीत तू मनमीत तू,
मेरी कहानी की जीत तू..!

आँखों से ओझल आज और कल,
चाहतों की रही नमी है..!

ख़्वाहिशों के बाग़,
पँछियों के राग..!

जाग चुके अन्तर्मन में,
इश्क़ का इश्तिहार बन रमी है..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #Aasmaan #terikamihai