परित्यकता मेरे मकान मालिक की बहू,जिसे देखती है दुनिया गिद्ध नज़रों से जिसे समझते हैं दुनिया वाले आसान शिकार।। उसे देख मैं द्रवित हो उठता हूं अकेले सम्हालती है स्वयं को और फूल सी कोमल बच्ची को उठाती है परिवार का ख़र्च।। सास- ससुर रच रहे षडयंत्र वंचित रखने का उसे अपने अधिकार के करते रहते हैं बेफिजूल उसका चरित्र चित्रण।। वो शांत, गंभीर सी लगी है कर्तव्यपथ पर उसे आज तक मैंने रोते नहीं देखा... असीम धैर्य के साथ स्वाभिमान की रक्षा हेतु लड़ रही वो पति के द्वारा थोपे गए तलाक़ का केस... समाज मुझे बतलाए अगर वो परित्यकता है तो उसका पति क्या है जो उड़ा रहा गुलछर्रे नई पत्नी के साथ... मेरी नज़र में पति पतित है, निकृष्ट है परित्यक्त है, भगोड़ा है पत्नी देवी है.. परित्यकता नहीं.. *परित्यकता -वह स्त्री जिसे उसके पति ने त्याग दिया हो #divorce #women #love #life