मिट्टी से, भी यारी रख, दिल से,दिलदारी रख| चोट ना पहुंचे, बातो से, इतनी,समाजदारी रख| पहेचान हो, तेरी हटकर, भीड मे, कलाकारी रख| पलभर ये, जोश जवानी का, बुढापे की भी, तैयारी रख| दिल, सब से मिलता नहीं, फिर भी जुबान, प्यारी रख|| #thodisibate