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आज ही किसी शैम्पू का ऐड देखा जिसमें, बेटी स्कूल से

आज ही किसी शैम्पू का ऐड देखा जिसमें, बेटी स्कूल से घर लौटती है तो उसके उलझे बालों को देखकर माँ कारण पूछती है, तो बेटी कहती है कि, 'स्कूल बस में बॉयज ने तंग किया उसे'..फ़िर माँ ने शैम्पू का उदाहरण दिया कि तुम्हारे बाल शैम्पू के कारण स्ट्रॉन्ग हैं, तो अपने बालों की ही तरह स्ट्रॉन्ग रहो, और डरो मत..

अब ये तो थी ऐड की बात..मैं तो कहता हूँ कि माँ को कहना चाहिए, कि कोई भी ऐसा करे न कभी तो पलटकर एक ढंग से मुक्का जड़ देना चाहिए मुँह पर..और वो भी पूरी हिम्मत से बिना सोचे..जब तक बेटियों को चंडी बनना नहीं सिखायेंगे न, तब तक उन्हें सीता की ही तरह प्रताड़ित किया जाता रहेगा, और ऐसा नहीं होना चाहिए..

जिस सीता का अपहरण होना था वो हो चुका, जिस सीता को अग्नि-परीक्षा से गुज़रना था वो गुज़र चुकी, जिस सीता को राम द्वारा एक धोबी के कहने भर से त्यागा जाना था वो हो चुका, जिस सीता को भरी हुई राम-सभा में धरती में समाना था वो भी हो ही चुका..और राम भी काहे के ईश्वर जब उनकी अपनी अर्द्धांगिनी को अग्नि से गुज़रकर भी अंततः धरती में ही समाना पड़ा..

अब अपनी बेटियों को सीता मत बनाइए, उन्हें चंडी बनाइये और करने दीजिए उन्हें, उड़ने दीजिए जैसे वो चाहती हैं, और कोई कुछ कहे ग़लत तो पलटकर उल्टा कहना सिखाइए, कोई हाथ लगाए तो हाथ तोड़ देना सिखाइए, कोई ग़लती करे तो ढंग से कूट देना भी सिखाइए.. कि जब तक बेटियाँ चंडी नहीं बनेंगी न, तब तक ऐसे असुर सुधरेंगे भी नहीं. ❤️
 #सीताचंडी#
आज ही किसी शैम्पू का ऐड देखा जिसमें, बेटी स्कूल से घर लौटती है तो उसके उलझे बालों को देखकर माँ कारण पूछती है, तो बेटी कहती है कि, 'स्कूल बस में बॉयज ने तंग किया उसे'..फ़िर माँ ने शैम्पू का उदाहरण दिया कि तुम्हारे बाल शैम्पू के कारण स्ट्रॉन्ग हैं, तो अपने बालों की ही तरह स्ट्रॉन्ग रहो, और डरो मत..

अब ये तो थी ऐड की बात..मैं तो कहता हूँ कि माँ को कहना चाहिए, कि कोई भी ऐसा करे न कभी तो पलटकर एक ढंग से मुक्का जड़ देना चाहिए मुँह पर..और वो भी पूरी हिम्मत से बिना सोचे..जब तक बेटियों को चंडी बनना नहीं सिखायेंगे न, तब तक उन्हें सीता की ही तरह प्रताड़ित किया जाता रहेगा, और ऐसा नहीं होना चाहिए..

जिस सीता का अपहरण होना था वो हो चुका, जिस सीता को अग्नि-परीक्षा से गुज़रना था वो गुज़र चुकी, जिस सीता को राम द्वारा एक धोबी के कहने भर से त्यागा जाना था वो हो चुका, जिस सीता को भरी हुई राम-सभा में धरती में समाना था वो भी हो ही चुका..और राम भी काहे के ईश्वर जब उनकी अपनी अर्द्धांगिनी को अग्नि से गुज़रकर भी अंततः धरती में ही समाना पड़ा..

अब अपनी बेटियों को सीता मत बनाइए, उन्हें चंडी बनाइये और करने दीजिए उन्हें, उड़ने दीजिए जैसे वो चाहती हैं, और कोई कुछ कहे ग़लत तो पलटकर उल्टा कहना सिखाइए, कोई हाथ लगाए तो हाथ तोड़ देना सिखाइए, कोई ग़लती करे तो ढंग से कूट देना भी सिखाइए.. कि जब तक बेटियाँ चंडी नहीं बनेंगी न, तब तक ऐसे असुर सुधरेंगे भी नहीं. ❤️
 #सीताचंडी#