दर्पण देखूँ..... रूप निहारूं.... मै सोलह श्रिंगार करूँ फेर नज़रिया बैठा बैरी ...... कैसे अँखियाँ चार करूँ #निश्छल_प्रेम 💗 ©Manoj Nigam Mastana दर्पण देखूँ..... रूप निहारूं.... मै सोलह श्रिंगार करूँ फेर नज़रिया बैठा बैरी ...... कैसे अँखियाँ चार करूँ #निश्छल_प्रेम 💗