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हां मैने अब उनका इन्तजार करना छोड दिया।

       हां मैने अब उनका इन्तजार
 करना छोड दिया।
                      जो मेरे कभी थे ही नही उनपे  
                       ऐतवार करना छोड दिया है।
       एक वहम में जी रही थी
        अब तक कि शायद वो आयेंगे
 पर वो नही आये अब तो 
 उनसे जुडी यादें भी 
    धुंधली हो रहीं हैं।
                      सारी उम्मीदें भी टूट चुकी हैं
            अब मैने तन्हा जीना
सीख लिया है
    किसी और के सहारे 
जीना छोड दिया है।

©Nirzara Prem Prakash
  अधूरा इन्तजार

अधूरा इन्तजार #Poetry

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