यह जवानी ताउम्र तुम्हारे साथ नहीं रहेगी (R) और ना रहेंगी ये घटायें - फिज़ाएं - हवाएं संग तुम्हारे चलने को इसलिए मैं कहता हूं कि यह दर्पण गुरूर का तोड़ दो और दो रंग प्यार के ज़िंदगी मे किसी के घोल दो जो सुनना चाहते हैं कई अर्सों से हम वो शब्द अनोखे प्यार वाले हमसे बोल दो..... क्यूंकि ना तो यह वक़्त किसी का सगा है और ना ही यह कभी किसी के लिए रुका है आज तुम्हारे साथ है तो कल किसी और के साथ होगा इसलिए कल कहीं बैठ कर पछताने से अच्छा है जो मन में है आज वो बोल दो दोस्तों मेरी आप सभी से बस यही गुजारिश है चाहें आप He/She कभी भी किसी को उसकी शक़्ल या उसके कपड़े देखकर उसे मत पहचानिए, अगर पहचान सकते हैं तो उसके अंदर छुपी इंसानियत को पहचानिए क्यूंकि इंसानियत से बढ़ कर कुछ भी नहीं है. अगर आप इसे पढ़ रहे हैं तो सोचिएगा जरूर कहीं आप तो ऐसे नहीं हैं?. 00001