#इस भागते हुए शहर में, कोई रुककर नहीं पूछता क्या हाल है,। #उदास क्यों हो तुम ? ? #कोई नहीं पूछता की तुमने आज खाना खाया की नहीं,? #कोई फोन करके फिक्र नहीं करता, न गले लगाने को कहता है,, #यहां कोई नहीं कहता की कितना कमज़ोर हो गया है तू, #इस भागते हुए शहर में कभी-कभी #जाना तुम्हारी बहुत याद आती है । #शिवम चौहान ©shivam chauhan