इक रात फिर जगी मेरी आंखें तेरी याद के आ जाने के बाद न जाने तुम्हें शुकू क्यों मिलता हैं मेरी चैन ए शूकुं को मिटाने के बाद - मेरे गले की राग #meregalekiraag#shubhamsrivastava