सुगन्धित कर ए-हुस्न... अपने अल्फाज़ों को लगाम दीजिए, चूमकर बदन मेरा, हमें बदनाम कीजिए, सुगन्धित कर ए-हुस्न... बदनाम होकर भी नाम कीजिए...